नयी दिल्ली. कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के इन आरोपों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि किसानों के मुद्दे पर वह ‘घमंड में’ थे. कांग्रेस ने कहा कि यदि यह सच है तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश को सच बताना चाहिए और यदि राज्यपाल सच नहीं बोल रहे तो उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘किसान-विरोधी’ और ‘संवेदनहीन’ चेहरा सामने आ गया है.
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि राज्यपाल मलिक झूठ बोल रहे हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. लेकिन अगर वह झूठ नहीं बोल रहे, तो प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को आगे आकर भारत के मेहनती किसानों और खेतिहर मजदूरों से माफी मांगनी चाहिए. अन्यथा, वे (किसान) उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री किसानों से बिना शर्त माफी मांगें और उन्हें बताएं कि मारे गये किसानों के परिवारों को मुआवजा कब दिया जाएगा.’’
मोदी पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘‘श्रीमान प्रधानमंत्री, क्या यह सर्वोच्च सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों और किसानों द्वारा चुने गये लोगों की भाषा है.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ‘क्या मलिक के बयान सच हैं’. खड़गे ने ट्विटर पर मलिक का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया, जिसमें वह हरियाणा के चरखी दादरी में एक समारोह को संबोधित कर रहे हैं. वीडियो में मलिक को कहते सुना जा सकता है कि जब वह किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलने गये थे तो वह (मोदी) ‘घमंड में’ थे और पांच मिनट में उनका झगड़ा हो गया.
वीडियो में मलिक यह दावा करते हुए भी सुने जा सकते हैं कि मोदी यह बात स्वीकार करने को तैयार नहीं थे कि पिछले साल केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान उनकी वजह से मारे गये. मलिक के अनुसार प्रधानमंत्री ने उनसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने को कहा.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने ट्वीट किया, ‘‘मेघालय के राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक आॅन रिकॉर्ड यह कहते सुने जा सकते हैं कि किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ‘घमंड में’ थे और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री को ‘पागल’ (मैड) कहा. संवैधानिक पदों पर बैठे लोग एक दूसरे के लिए इस तरह अवमानना के साथ बोल रहे हैं.’’
खड़गे ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी जी, क्या यह सच है?’’ मलिक को वीडियो में यह भी कहते सुना जा सकता है कि जब वह शाह से मिले तो उन्होंने कहा ‘‘लोगों ने उनकी (मोदी की) अकल खराब कर रखी है.’’ कांग्रेस ने भी ट्विटर हैंडल पर मलिक के बयान साझा किये और आरोप लगाया कि मोदी के अहंकार की वजह से इतने किसान मारे गये.
कांग्रेस ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार की वजह से किसानों ने पूरे साल सड़कों पर प्रदर्शन किये. जब चुनाव पास आने लगे तो प्रधानमंत्री मोदी को अपनी भूल का एहसास हुआ और उन्होंने कृषि कानून वापस ले लिये. लेकिन देश के किसान यह कभी नहीं भूलेंगे.’’ उसने कहा, ‘‘कृषि कानूनों के बारे में प्रधानमंत्री का अहंकार ही था जिसकी वजह से किसानों को एक साल से अधिक समय तक सड़कों पर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा और 700 से अधिक किसान मारे गये. देशवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार के लिए बड़ी कीमत अदा की है.’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी सोच ‘किसान-विरोधी’ है और ‘झूठे अफसोस’ या कानून वापस करना काम नहीं आएगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मलिक पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “यह आदमी जम्मू-कश्मीर में उनकी मंशा को पूरा करने वाला आदमी था, अब उन्होंने जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया है. जम्मू-कश्मीर के लोग श्री मलिक की अविश्वसनीयता को प्रमाणित कर सकते हैं.”
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि अमित शाह प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं. देश में आज दो ही लोग राज कर रहे हैं. सिर्फ दो चेहरे है .. मोदी और अमित शाह.. अगर उन्होंने इस तरह के शब्द बोले हैं तो यह एक तरह की आपसी सहमति (अंडरस्टेंंिडग) है.’’
बाद में एनडीटीवी ने मलिक के हवाले से कहा कि शाह ने प्रधानमंत्री मोदी का कोई अपमान नहीं किया था. उन्होंने चैनल से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री सुनने को तैयार नहीं थे. उन्होंने मेरी ंिचताओं को खारिज करने की कोशिश की और कहा ‘अमित शाह से मिलो’. अमित शाह मोदी जी का सम्मान करते हैं. उन्होंने मुझसे कहा था कि लोग प्रधानमंत्री को गुमराह करते हैं. मुझे बताया गया कि ‘एक दिन प्रधानमंत्री इस बात को समझ जाएंगे (तीनों कानूनों पर किसानों की दलील को). मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि शाह ने प्रधानमंत्री के बारे में दुर्भावना से कुछ नहीं कहा था. उन्होंने मुझसे केवल इतना कहा था कि मेरी ंिचताओं पर ध्यान दिया जाएगा.’’ सुरजेवाला ने कहा कि देश के इतिहास में कभी किसी प्रधानमंत्री ने भारत के किसानों के बारे में इस तरह की बात नहीं कही कि ‘‘500 किसान मारे गये तो क्या’’.