संसार का कल्याण करने के लिए भगवान अवतार लेते है

छत्तीसगढ़
संवाददाता तुषार अग्रवाल
लोरमी – नगर के रानीगांव तहसील चौक के पास स्व भागवत प्रसाद पाण्डेय के स्मृति में पाण्डेय परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास पंडित विद्यानन्द शर्मा ने श्रीकृष्ण जन्म की लीला का मनोहारी वर्णन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित से शुकदेव कहते हैं, कि संसार का कल्याण करने के लिए भगवान अवतार लेते कि जब-जब धर्म की हानि होती है। तब सज्जनों का कल्याण और राक्षसों का वध करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं। इसके बाद पंडित देवमणि ने संगीतमयी चौपाइयों-जब-जब होई धर्म की हानि, बाढहि असुर अधम अभिमानी, तब-तब धरि प्रभु मनुज शरीरा, हरहि कृपा निज सज्जन पीरा आदि चौपाइयों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कथावाचक ने प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जेल में वासुदेव के यहां अवतार लेकर संतो व भक्तों का सम्मान बढ़ाया। उन्होंने अपने अंदर बुराई विद्यामान न रहे इसके लिए संतों का सत्संग का मार्ग बताया। भगवान श्रीराम की मर्यादा और श्रीकृष्ण को तब समझोगे जब राम मय बनो। जब भक्ति मार्ग में भक्त लीन रहता है तब प्रभु दर्शन होते हैं। अंत में कथा व्यास ने श्रीकृष्ण जन्म लीलाओं का वर्णन किया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के तमाम मार्मिक प्रसंग सुनाए। जिससे स्त्रोता भावविभोर हो गए। इस मौके पर सुशीला पांडेय, ईश्वर पांडेय, अवधेश कामना पाण्डेय, विष्णु सेवक पाठक, लक्ष्मी सेवक पाठक, श्रीकांत पाण्डेय, वरुण पाण्डेय, बिना पाठक, केशर पाठक, कुमुद पाठक, बेबी शर्मा, अजय श्रद्धा पाठक, नितेश श्रद्धा पाठक, योगेश स्मृति पाठक, जितेन्द्र सविता पाठक, अभिषेक तृप्ति पाठक,अशोक तिवारी, मायारानी सिंह, विनय साहू, शीलू स्वप्निल साहू, हितेंद्र त्रिपाठी, गणेश साहू, बबलू दास, अशोक साहू, महेन्द्र खत्री, गणेश साहु, योगेश मौर्य, नन्दनी मौर्य, अखिलेश केशरवानी, पीयूष साहू, आयुष साहु, रामफल साहु, अंश पाठक, आर्यन, अथर्व, आयुष, समृद्धि, गार्गी, आर्य, श्रेय, आशी, मान्या सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।



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