रायपुर, 20 मई 2022/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का फैसला लिया है। इस फैसले को क्रियान्वित करने के लिए वित्त सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. ने पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेव्लहपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) नई दिल्ली के चेयरमेन को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि नवीन पेंशन स्कीम के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि (नियोक्ता और कर्मचारी संयुक्त हिस्सेदारी) का वर्तमान बाजार मूल्य 17,240 करोड रूपए है। यह राशि छत्तीसगढ़ सरकार को शीघ्र लौटाई जाए।
वित्त सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. ने पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेव्लहपमेंट अथॉरिटी नई दिल्ली के चेयरमेन को अवगत कराया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में 1 नवंबर 2004 को या उसके बाद राज्य सरकार की पेंशन योग्य स्थापना में नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर एक नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने एक मई 2022 की अपनी बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। कर्मचारियों के एनपीएस खातों में नियोक्ता और कर्मचारी का मासिक अंशदान भी एक अप्रैल 2022 से बंद कर दिया गया है।
वित्त सचिव ने पत्र में यह भी अवगत कराया है कि एनपीएस के साथ पंजीकृत प्रत्येक कर्मचारी के लिए एक नया जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) खाता राज्य सरकार द्वारा खोला गया है। सरकारी कर्मचारियों के वेतन से मूल वेतन का न्यूनतम 12 प्रतिशत काटा जाएगा, जो कि सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि खातों में जमा होगा। एन.एस.डी.एल. से प्राप्त होने वाली एन.पी.एस. खातों में की गई सरकारी अंशदान की राशि का वर्तमान बाजार मूल्य भविष्य की पेंशन देनदारियों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाएगा और राज्य सरकार के लोक लेखा के तहत अलग पेंशन फंड में रखा जाएगा। इसके अलावा, पिछले वित्तीय वर्ष की पेंशन देनदारियों के 4 प्रतिशत के बराबर राशि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में इस पेंशन फंड में निवेश की जाएगी।
